कोचिंग संस्थान की प्रतिष्ठा से ही कोटा भारत का छोटा काशी कहा जाता है ,यही राजस्थान राज्य के साथ सम्पूर्ण भारत की एवं साथ ही विशेषकर सम्पूर्ण कोटा  की आर्थिक धुरी का पर्याय है -डॉ.एन. पी .गाँधी  

भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन देश के एकमात्र अंतराष्ट्रीय जनसँख्या विज्ञान संस्थान मुम्बई विश्विद्यालय से शहरी क्षेत्रीय(UrbanRegional Planning) प्रबन्धन में प्रशिक्षित डॉ नयन प्रकाश गाँधी ने अपने सोशल रिसर्च पेपर में  कोटा कोचिंग क्षेत्र को सुनियोजित कैसे खोला जाए? एवं कैसे बेहतर प्रबंधन से राज्य सरकार इस हज़ारो करोड़ो की इंडस्ट्री को पुनः पटरी पर बेहतर पेरेंट्स-स्टूडेंट्स एवम सरकार एवं कोचिंग संस्थानों एवं सभी शहरवासियों के हितार्थ कोचिंग को खोलने के साहसिक निर्णय पर  इसे कैसे अमलीजामा पहनाया जा सकता है ? ने कुछ मनोवैज्ञानिक सामाजिक विश्लेषण एवं स्वयं की बौद्धिक क्षमता पर आधारित कोटा के कोचिंग के लिए सकारात्मक समाधान पर एक कोटा कोविड कोचिंग पायलट मॉडल की रूपरेखा विकसित की है जो कि तदुपरांत 30 दिनों में कोटा सिटी में लागू कर विश्लेषण करने के बाद सम्पूर्ण भारत मे कोरोना वैक्सीन आने तक किया जा सकता है ,उससे एक और  अर्थव्यवस्था पटरी पर तीव्रता से आएगी और दूसरी और सबसे बड़ी वित्तिय समावेशन वाली इस इंडस्ट्री को फिर से खड़ा किया जा सकेगा। जैसा कि हम जानते है 

पूरे विश्व मे एवं भारत देश मे मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट (National Eligibility Cum Entrance Test - NEET) और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन (JEE Main) की कोचिंग के लिए भारत का एक मात्र शिक्षा की काशी  राजस्थान का कोटा शहर सूना हो गया है। अक्टूम्बर तक भी कोचिंग संस्थानो को आस लगी थी की अब वर्तमान राजस्थान सरकार की हालिया बैठक में 30 नवम्बर तक कोचिंग संस्थानों एवं स्कुलो को बंद ही करने के निर्देश दिए है। लगातार कोचिंग संस्थानों के द्वारा विभिन्न सुरक्षा के समाधानों के बावजुद कई कोचिंग दिग्गजों के अहम बैठको के बावजूद हाल फिलहाल तक राजस्थान ही नही अपितु सम्पूर्ण भारत मे प्रसारित कोटा कोचिंग के संस्थानों की गगनचुम्बी इमारते ,शैक्षणिक फैकल्टीज ,आशाओ की किरणों को आंखों में सँजोये पेरेंट्स,छात्र छात्राओं सभी मे केवल अभी तक अस लगाए बैठी है कि कब समेकित रूप से एक सुनियोजित संघठित रूप से व्यवस्थित रूपरेखा के साथ सरकारे शीघ्रतिशीघ्र इस समस्या का हल निकाले जो समूचे प्रदेश एवं सम्बंधित हर पहलुओ पर उपर्युक्त हो ।कोटा के शैक्षणिक कोचिंग संस्थानों के आर्थिकी परिदृश्य की और ध्यान दे तो दृष्टिगत है देश की लगभग सभी दिग्गज महत्वपूर्ण कोचिंग संस्थानों का सेटअप कोटा में विशेषतः है ही साथ ही सम्पूर्ण भारत मे हर दिग्गज कोचिंग संस्थानों की ब्रांच भी सुव्यवस्थित है ,हालांकि इनमे से अधिकतर कोचिंग संस्थानों का वितिय पक्ष मजबूत होने से यह लगभग सभी संस्थान मजबूती से अभी तक अपने क्षेत्र में छात्र छात्राओं को कोरोना काल मे भी बेहतरीन सुविधाएं संस्थान की और से बिना अतिरिक्त शुल्क लगाए सुरक्षित रूप से कोचिंग संस्थानों को पुनः पटरी पर लाने के लिए सरकार के नक्शो कदम के साथ कोरोना गाइडलाइन को कटिबद्धता से पालना एवं उसके बेहतरीन समायोजन के लिए समेकित रूप से आवश्यक सुरक्षा की प्रतिबद्धता के साथ तन मन धन से आशान्वित है एवं निरन्तर पूरे देश भर में सभी कोचिंग दिग्गज अपने अपने स्तर पर  सम्बंधित सरकारों से मीटिंग में कई बार अपनी सकारात्मक प्रतिबद्धता के साथ बातचीत कर चुके है और अभी तक सक्रिय है। यहां पर सबसे ध्यान देने योग्य बात यह है कि आज कोटा का संघठित कोचिंग व्यापार (coaching industry) कोरोना वायरस (corona virus) के चलते पूरी तरह से ठप हो गया है। हालांकि कुछ प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानो ने मजबूत आधारभूत इंफ्रास्ट्रक्चर एवं सुदृढ़ वित्तिय अवस्था के चलते ऑनलाइन डिजिटल माध्यम से बेहतरीन स्टडी पैकेज तैयार कर उत्कृष्ट सॉशेल मीडिया ब्रांडिंग के जरिये मजबूत पकड़ बनाना शुरू कर दी है ।यही नही हालिया परिणामो में कोटा शिक्षा नगरी ने हर वर्ष की भांति इस बार भी यहां के लगभग समस्त कोचिंग संस्थानों ने बेहतर परिणाम लाकर श्रेष्ठता की मिसाल कायम की है।हालांकि कोरोना को देखते हुए पिछले शुरुवाती महीनों में अधिकाधिक संख्या में  कोचिंग छात्र अपने-अपने घर लौट चुके थे,परंतु अब बेहतर परिणामो से लगातार कोटा शिक्षा नगरी में पुनः इस इंडस्ट्री के बढ़ने के आसार दिखने लगे है । हालांकि  वर्तमान परिस्थितियों को एवं त्योहारी सीजन को देखते हुए अभी तक राजस्थान सरकार से एवम अन्य सम्बंधित समस्त राज्यो में सरकारों ने इस शैक्षणिक इंडस्ट्री के लिए कोई ठोस फैसला अभी तक नही लिया है । वस्तुतः फिर भी लगभग सभी कोचिंग संस्थानों के साथ सभी स्कूल एवं अन्य शैक्षणिक संस्थान,हॉस्टल संचालको,मेस संचालको  सभी ने छात्रों की सुरक्षा के लिए कोरोना वस्तु स्थिति के मद्देनजर कड़े इंतजाम की उपलब्धता जिला प्रशासन को विभिन्न मीटिंगों के माध्यम से दी है ,जो कि कोटा शिक्षा नगरी की शिक्षा के प्रति एवं पूर्व में अध्ययनरत  छात्र छात्राओ एवं नए प्रवेश हेतु आगामी स्टूडेंट्स के लिए मजबूत सुरक्षा की प्रतिबद्धता दर्शाता है । कई प्रतिष्ठित शेक्षणिक संस्थानो ने तो अपनी नवप्रवेशित बच्चो के लिए कोरोना सुरक्षा के सुनियोजित प्रबंधन रणनीति के लिए अतिउत्कृष्ठ रूप से तैयारी कर ली है और इस संदर्भ में जिला प्रशासन को कई बार अवगत किया जा चुका है । मेरा मानना है कि आज वस्तुतः कोरोना के इस नए प्रोटोकाल में हम सभी को न्यू नार्मल में ढलना ही होगा ,अब डरकर नही अपितु डटकर ,आत्मविश्वास के साथ हर सम्भव रूप से मजबूती से इन विषम परिस्थितियों में एक साथ सजगता ,सहजता एवं स्वच्छ हैबिट के साथ मिलकर इस स्थिति से निपटना होगा । 

मैनेजमेंट विश्लेषक , एक्टिव रिसर्चर एवं कोटा मूल के डॉ नयन प्रकाश गाँधी का यह मानना है कि अगर बेहतर प्रबंधन एवं सजगता से इस आवश्यक मुद्दे पर चिंतन किया जाए तो कोटा की आर्थिक अर्थव्यवस्था एवं यहाँ के हर क्षेत्र के  बाशिंदों ,कारोबारियों को फिर से आशान्वित किया जा सकता है और अगर पायलट प्रोजेक्ट रूप में शुरुवात में निर्भीकता के साथ निम्न समाधानों एवं गाइडलाइन के साथ अगर कोटा से शुरुवाती दौर में पहले 30 दिन इसकी शुरुवात कर इसका समूचा अध्ययन उच्चाधिकारियों एवं उच्च प्रतिष्ठित आईआईपीएस मुम्बई ,आईआईएम अहमदाबाद आदि के रिसर्चर टीम की देखरेख में इसका विश्लेषण कर समस्त सुरक्षा के मापदंडो ,उसके व्यापक और प्रभावो के अध्ययन के बाद कोटा कोचिंग के सफलता पूर्वक संचालन पर और शहरों में भी इसे क्रमिक रूप से किया जा सकता है ,क्योकि कोटा शुरू से शिक्षा नगरी से विख्यात रहा है ,और यहाँ की कोचिंग संस्थानों का प्रबंधन का लोहा आज पूरे विश्व मे माना जाता रहा है ,में कहता हूं निम्न समाधानों के साथ कोटा कोचिंग संस्थानों को सर्वप्रथम अनुमति देकर शुरुवाती  स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग एवं विश्लेषण कर अन्य राज्यो में भी राजस्थान का कोटा शहर शैक्षणिक संस्थानो को सुरक्षा के साथ बेहतरीन सुविधाओ की प्रतिबद्धताओं के साथ खोलकर उसे सुचारू रूप से क्रियान्वित कर कोटा कोविड कोचिंग शैक्षणिक मॉडल को तदुपरांत पूरे देश मे लागू किया जा सकता है ।

 

करने होंगे यह इंतजाम ,संकल्प ,प्रतिबध्दता एवं कड़ी सुरक्षा सजगता के साथ :-

कोई भी व्यावसायिक गतिविधियां बन्द करना कोरोना रूपी राक्षस से निपटने के लिए कतई स्थायी समाधान नही है ।कोचिंग संस्थान हज़ारो करोड़ो के आय की स्रोत शुरू से रही है और आज सरकार को चाहिए कि इसे बंद नही अपितु इसका प्रशासनिक ,प्रबंधन तरीके से समाधान  निकाले।यू हाथ मे हाथ धरे बैठना उचित नही है । कोचिंग कोटा की जड़ है और तभी कोटा जन रूपी विभिन्न्न पौधे कोचिंग,स्कुलो एवं अन्य शेक्षणिक संस्थानो से विभिन्न रूप से प्रस्फुठित है और अपनी आभा को बनाये रखने में सक्षम होते है । आज सबसे बड़ा राजस्व आय का श्रेय कोटा से किसी रूप में जाता है तो वह है कोचिंग संस्थान द्वारा । आज करोड़ो की इस इंडस्ट्री को राजस्थान सरकार को अपने सुप्रबंधन के जरिये फिर से शीघ्रता से खोला जाना चाहिए जिसमें लाखो पेरेंट्स की सहमति सकारात्मक रूप से सम्मिलित हो वह भी सरकार  एवं कोचिंग संस्थानो द्वारा मजबूत  सुरक्षा प्रतिबद्धता के संकल्प के साथ ।

 

 

राज्य सरकार  को निम्न समाधान त्वरित गति से करने चाहिए ----

 

✅ समस्या -पेरेंट्स के लिए अपने छात्र छात्राओं बच्चो के लिए सुरक्षा की चिंता ?

 समाधान:- प्रत्येक कोचिंग संस्थान द्वारा स्टूडेंट मॉनिटरिंग ऑफिसर (कॉविड सुरक्षा)  की नियुक्ति की अनिवार्यता ( 50स्टूडेंट :1 ऑफिसर) 

    प्रभाव :- पेरेंट्स के लिए बच्चो की सुरक्षा के लिए सकारात्मक पहल साबित होगी ,फलस्वरूप एडमिशन तीव्रता से बढ़ेंगे ।

 

✅ समस्या :-कॉविड के लगातार खाली दिनों से बच्चो में निराशा ,तनाव नकारात्मकता ,की अधिकता एवं नकारात्मकता से इम्युनिटी पावर में गिरावट ?

 समाधान:

प्रत्येक कोचिंग संस्थानों में  (200:1 अनुपात में) योग प्राणायाम के प्रशिक्षक ,फिटनेस कोच एवं स्ट्रेस मैनेजमेंट कोच की नियुक्ति की अनिवार्यता की जाए ।फिट इंडिया के तहत देश भर में इसकी अनिवार्यता की जाए ।ताकि सोशेल डिस्टेंसिग के माध्यम से बच्चो को नियमित रूप से कोचिंग के साथ ही उनकी इम्युनिटी पर भी जोर दिया जा सके। 

प्रभाव :- छात्रों में बेहतरीन स्वास्थ्य हैबिट्स एवं स्ट्रेस मैनेजमेंट से सकारात्मकता प्रवाहित होंगी ,फलस्वरूप इम्युनिटी बूस्ट से बच्चे आगामी कोरोना अनिश्चिचित अवधि तक स्वस्थ रहेंगे और इसकी उपयोगिता से कोचिंग संस्थान,स्कुलो  की विश्वसनीयता पेरेंट्स में यथावत बनी रहेगी।

 

✅ समस्या : दूर दराज कर पेरेंट्स एवं लोकल सोसाइटी में बच्चो के लिए  सोशेल डिस्टेंसिग का डर ।

  समाधान : सरकार द्वारा कोचिंग संस्थानों को कोरोना गाइडलाइन के अनुसार अत्याधुनिक एआई टेक्नोलॉजी एप्पलीकेशन के साथ कस्टमाइज्ड डिस्टेंसिग के साथ एंट्री एवं एक्जिट व्यवस्था एवं स्ट्रक्चर्ड सिटिंग व्यवस्था का मापदंड करना होगा निश्चित 

प्रभाव :-शत प्रतिशत सुरक्षा के साथ पेरेंट्स ,लोकल सोसाइटी में सुरक्षा का माहौल विकसित 

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✅समस्या :पेरेंट्स एवं लोकल सोसाइटी में फेस शील्ड ,सेनिटाइजर ,मास्क उपयोगिता एवं टेम्परेचर चेकिंग में अनियमितता का भय ? 

समाधान : सरकार को प्रत्येक कोचिंग संस्थान में एंट्री एवं एक्जिट के समय फेस शील्ड ,मास्क एवं सेनिटाइजर तथा टेम्प्रेचर चेकिंग के लिए व्यवस्था सुनिश्चिचित किया जाना देखा जाना चाहिए।तभी मापदंडो के नियमो के संगत ही उपयुक्त कोचिंग संस्थानों को जिला प्रशासन खोलने के लिए अनुमति दे और समय समय पर कार्यिकी मॉनिटरिंग भी करे।

प्रभाव :- हर सम्भव पेरेंट्स ,सोसाइटी को सकारात्मक संदेश ,बेहतर निगरानी एवं हेल्थ सेफ्टी पॉइंट सुनिश्चितता से बाहरी छात्रों का प्रवेश तीव्रता से होगा ।कोटा सिटी का संदेश  सकारात्मकता सुरक्षा के साथ बढेगा।

©️✍️लेखक डॉ.नयन प्रकाश गाँधी पूर्व में ग्रामीण विकास राजस्थान सरकार शासन सचिवालय जयपुर रह चुके है, वे यूनाइटेड नेशंस के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स पर आधारित वर्ल्ड यूथ आर्गेनाइजेशन  के इंडिया से एकमात्र एशियन कंट्रीज सयुक्त निदेशक के पद पर है, साथ ही  शहरी विकास प्रबंधन रिसर्चर भी है,भारत सरकार के अधीन एकमात्र अन्तराष्ट्रीय जनसँख्या संस्थान मुम्बई विश्विद्यालय से जनसँख्या अध्ययन क्षेत्रीय प्रबंधन में प्रशिक्षित है एवं चर्चित युवा स्तम्भकार , डेवलपमेंट एक्सपर्ट एवं इंटरनेशनल सॉशेल यूथ अवार्डी है।

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Source : news portal Interviews